You are currently viewing शिक्षा पाठ का सारांश

शिक्षा पाठ का लेखक परिचय

लेखक – जे० कृष्णमूर्ति

जे० कृष्णमूर्ति का जन्म – 12 मई 1895

जे० कृष्णमूर्ति का निधन – 17 फरवरी 1986

जे० कृष्णमूर्ति का निवास स्थान – मदनपल्ली, चितूर, आन्ध्र प्रदेश

जे० कृष्णमूर्ति के माता – संजीवम्मा 

जे० कृष्णमूर्ति के पिता – नारायण जिद्दू

जे० कृष्णमूर्ति बीसवी शती के महान भारतीय जीवनद्रष्टा, दार्शनिक, शिक्षामनीषी एवं संत थे 

शिक्षा शीर्षक का सारांश लिखें

शिक्षा मात्र व्यवसाय का साधन नहीं है वह मानव के जीवन के उन्नयन का महत्वपूर्ण साधन है। उसके माध्यम से जीवन का सत्य तथा जीवन जीने की प्रणाली का आभास होता है। वे कहते हैं चाहे शिक्षक हो या छात्र, शिक्षा का उद्देश्य किसी को भी ज्ञात नहीं है। बस इतना पता है यह जीविका कमाने का साधन है। जीवन विलक्षण है, असीम है, अगाध है मानाकि शिक्षा जीवन लक्ष्य से भटक गयी है। पक्षी, फूल, वृक्ष, यह आकाश के सितारे, सरिताएँ आदि सब हमारा जीवन है। जीवन समुदाय, जातियों और देश का पारस्परिक सतत् संघर्ष है; क्योंकि जीवन ही धर्म है, यह बड़ा गृढ़ है। जीवन मन की दबी ढंकी भावनाएँ भी हैं – ईर्ष्या, महत्वाकांक्षाएँ, वासनाएँ, भय, सफलताएँ, चिंताएँ आदि भी जीवन ही है। शिक्षा ही सबका अनावरण करती है।
शिक्षा ही हमें प्रबुद्ध बनाकर सम्पूर्ण जीवन प्रक्रिया के समझने में सहायक होती है। उनकी मान्यता है कि व्यक्ति को बचपन से ही ऐसा वातावरण मिलना चाहिए जहाँ भय का लेशमात्र भी न हो, भय व्यक्ति में कुंठा जगा देता है, उसकी महत्त्वाकांक्षाओं को दबा देता है। उनके अनुसार मेधा वह शक्ति है जिसके आधार पर वातावरण के दबाव और भय के वातावरण में स्वतन्त्रतापूर्वक सोच सकते हैं। यही सत्य और वास्तविकता की खोज का साधन भी है। भय सर्वत्र समाया है। यह दुनिया वकीलों, सैनिकों और सिपाहियों की ही है अतः यहाँ प्रत्येक व्यक्ति किसी के विरोध में खड़ा है। वह किसी सुरक्षित स्थान पर जाना चाहता है। वह संघर्ष भी कर रहा है, वह प्रतिष्ठा, सम्मान, शान्ति तथा आराम पाना चाहता है। यह कार्य शिक्षा के माध्यम से ही सम्पन्न हो सकता है।

shiksha path ka saransh likhen, शिक्षा शीर्षक का सारांश, शिक्षा पाठ के सारांश, शिक्षा शीर्षक  का सारांश लिखिए,  शिक्षा शीर्षक का सारांश pdf, जे० कृषणमूर्ति द्वारा लिखी हुई शीर्षक 12th hindi 100 marks chapter 13, 12th hindi 100 marks chapter 13 summary, class 12 Hindi 100 marks all chapters, Hindi Book Class 12 Bihar Board 100 Marks

Leave a Reply