You are currently viewing प्यारे नन्हें बेटे को पाठ का सारांश

प्यारे नन्हें बेटे को पाठ का लेखक परिचय

लेखक – विनोद कुमार शुक्ल

विनोद कुमार शुक्ल का जन्म – 1 जनवरी 1937

विनोद कुमार शुक्ल का निवास स्थान – रायपुर, छतीसगढ़ 

विनोद कुमार शुक्ल के पिता – शिवगोपाल शुक्ल

विनोद कुमार शुक्ल के माता – रुक्मिणी देवी

प्यारे नन्हें बेटे को शीर्षक कविता का सारांश लिखें

विनोद कुमार शुक्ल समकालीन काव्य चेतना के कवि हैं। उनके काव्य में गहरी अनुभूति झलकती है। प्रस्तुत कविता ‘प्यारे नन्हें बेटे को ‘ वार्तालाप शैली में लिखी कविता है। यहाँ लोहा कर्मठता का साधन और प्रतीक है। यह हर जगह है उसके बिना जीवन अधूरा है। यह चिमटा, करछुल, सिगड़ी, कब्जे, सांकल में है। उस अरगनी में भी वही है, जहाँ कपड़े सूख रहे हैं। कवि याद करता है कि यह लोहा फावड़ा, कुदाली, टंगियां, खुरपी में भी है जिसके माध्यम से कृषि कार्य होता है, मजदूर उसका उपयोग करता है। यह हर स्थान पर है, बाल्टी में, हँसिया में, भिलाई में अर्थात् जो व्यक्ति मेहनत करता है वह भी लोहा ही है और वह स्त्री जो दबी है, सतायी गयी है वह भी लोहा ही है। वास्तव में समाज का मजदूर वर्ग भी लोहा ही है जिसका लौह युक्त पौरुष निर्माण कार्य करता है पर वह शोषित है। यह लोहा गृहस्थी व कार्य क्षेत्र दोनों में व्याप्त है, यह भले ही ठोस है पर हमारे जीवन में यह घुला मिला है, पूरी तरह व्याप्त है।

pyare nanhe bete ko path ka saransh likhen, प्यारे नन्हें बेटे को पाठ का सारांश, प्यारे नन्हें बेटे को पाठ का सारांश, प्यारे नन्हें बेटे को पाठ का सारांश लिखिए,  प्यारे नन्हें बेटे को शीर्षक कविता पाठ का सारांश pdf, विनोद कुमार शुक्ल की लिखी शीर्षक कविता पर प्रकाश डालिए 12th hindi 100 marks chapter 11, 12th hindi 100 marks chapter 11 summary, class 12 Hindi 100 marks all chapters, Hindi Book Class 12 Bihar Board 100 Marks

Leave a Reply