नामवर सिंह की जीवनी

डॉ० नामवर सिंह हिंदी आलोचना की एक शिखर प्रतिभा हैं जिनका विकास बीसवीं शती के उत्तरार्ध में हुआ । स्वतंत्रता के बाद की उत्तरशती में हिंदी भाषा और साहित्य में एक अभिनव उत्कर्ष और उभार आया जिसे सामान्यतः लोकप्रतिबद्ध यथार्थवाद के रूप में पहचाना जा सकता है । आलोचना के क्षेत्र में इस उत्कर्ष और उभार को नामवर सिंह के साहित्य में लक्षित किया जा सकता है ।

नामवर सिंह का परिचय

  • जन्म : 28 जुलाई 1927 ।
  • निधन : 19 फरवरी 2019
  • जन्म-स्थान : जीअनपुर, वाराणसी, उत्तर प्रदेश।
  • माता-पिता : वागेश्वरी देवी एवं नागर सिंह (एक शिक्षक)।
  • शिक्षा : प्राथमिक आवाजापुर एवं कमालपुर, उत्तर प्रदेश के गाँवों में; हाई स्कूल : हीवेट क्षत्रिय स्कूल, बनारस; इंटरः उदय प्रताप कॉलेज, बनारस; बी०ए० और एम०ए० बी०एच०यू० से क्रमशः 1949 एवं 1951 में। पी-एच० डी० बी०एच०यू० में ‘पृथ्वीराजरासो की भाषा’  विषय पर 1956 में।
  • वृत्ति  : 1953 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अस्थाई व्याख्याता । 1959-1960 में सागर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर । 1960-65 तक बनारस में रहकर स्वतंत्र लेखन । ‘जनयुग’ (साप्ताहिक), दिल्ली में संपादक और राजकमल प्रकाशन में साहित्य सलाहकार भी रहे । 1967 से ‘आलोचना’ त्रैमासिक का संपादन, 1970 में जोधपुर विश्वविद्यालय, राजस्थान में हिंदी विभाग के अध्यक्ष पद पर प्रोफेसर के रूप में नियुक्त, 1974 में कुछ समय तक कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी हिंदी विद्यापीठ, आगरा के निदेशक, 1974 में ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली के भारतीय भाषा केंद्र में हिंदी के प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति, 1987 में जे० एन० यू० से सेवामुक्ति । पुनः अगले पाँच वर्षों के लिए वहीं पुनर्नियुक्ति । 1993-96 तक राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन के अध्यक्ष । संप्रति : ‘आलोचना’ त्रैमासिक के प्रधान संपादक।

 

नामवर सिंह की रचना

  • कविता : पारदर्शी नील जल में , नभ के नीले सूनेपन में , विजन गिरिपथ पर , कभी जब याद आ जाते , हरित फ़ौवारों सरीखे धान , फागुनी शाम , उनए उनए भादरे , पथ में साँझ ,आज तुम्हारा जन्मदिवस, कोजागर

  • उपन्यासकार : भारतीय उपन्यास की अंतर्धारा, ‘अँग्रेज़ी ढंग का नॉवेल’

नामवर सिंह के बारे में कुछ प्रश्न

1. पारदर्शी नील जल में, के कविताकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

2. नभ के नीले सूनेपन में, के कविताकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

 3. विजन गिरिपथ पर, के कविताकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

4.  कभी जब याद आ जाते, के कविताकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

5. हरित फ़ौवारों सरीखे धान के कविताकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

6. फागुनी शाम , के कविताकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

7. उनए उनए भादरे , के कविताकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

 8. पथ में साँझ , के कविताकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

9. आज तुम्हारा जन्मदिवस, के कविताकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

 10. कोजागर, के कविताकार कौन थे?

Ans : नामवर सिंह

11. भारतीय उपन्यास की अंतर्धारा, के उपन्यासकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

12. अँग्रेज़ी ढंग का नॉवेल’ के उपन्यासकार कौन थे ?

Ans : नामवर सिंह

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