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हार-जीत पाठ का लेखक परिचय

लेखक – अशोक वाजपेयी

अशोक वाजपेयी का जन्म – 16 जनवरी 1941

अशोक वाजपेयी का निवास स्थान – सागर, मध्य प्रदेश

अशोक वाजपेयी के पिता – परमानंद वाजपेयी

अशोक वाजपेयी के माता – निर्मला देवी

अशोक वाजपेयी समसामयिक हिंदी के एक प्रमुख कवि, आलोचक, विचारक, कला मर्मज्ञ, संपादक एवं संस्कृतिकर्मी हैं |

हार-जीत शीर्षक कविता का सारांश लिखें

यह एक गद्यशील है जिसमें सामान्य तथ्यों को सामान्य शिल्प के साथ उतारा गया है, जनता को यह बताया गया है कि उनकी सेना विजयी होकर लौट रही है। किस पर विजय पायी है, कहाँ युद्ध हुआ है, यह युद्ध क्यों हुआ है, कितनी सेना गयी थी, कितनी लौट रही है यह सब कुछ किसी को पता नहीं पर वे उत्सव मना रहे हैं। यह विजय किसकी है सेना की, शासक की जनता की कोई कुछ नहीं पूछता। वहाँ एक बूढ़ा मशकवाला है सड़क पर छिड़काव लगा रहा है। शासकों पर धूल न पड़े वह कहता है, एक बार फिर हार हो गयी और गाजे-बाजे के साथ जीत नहीं हार लौट रही है। पर उसकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता – यहाँ यह ध्वनि है युद्ध हार-जीत नहीं होती पर विनाश अवश्य होता है। जनता को काम में लगा दिया जाता है ताकि वह कुछ सोच ही न सके।

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