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अधिनायक पाठ का लेखक परिचय

लेखक – रघुवीर सहाय

रघुवीर सहाय का जन्म – 9 दिसम्बर 1929

रघुवीर सहाय का निधन – 30 दिसम्बर 1990

रघुवीर सहाय का निवास स्थान – लखनऊ, उत्तर प्रदेश

रघुवीर सहाय के पिता – हरदेव सहाय

रघुवीर सहाय के माता – तारामणि देवी 

अधिनायक शीर्षक कविता का सारांश लिखें

यह कविता व्यंग्यात्मक है, जिसमें वर्तमान व्यवस्था के विरुद्ध आक्रोश फूटा है। राष्ट्रगीत में जन गण मन अधिनायक आया है। स्वतंत्रता आयी, आम आदमी पिस गया, उसका स्वप्न भंग हो गया। हरचरण, जो एक आम आदमी का प्रतीक है, वह विफल है, उसका सुथन्ना भी फटा हुआ है। वह एक सरकारी स्कूल में पढ़ता है। राष्ट्रीय पर्व पर ध्वजारोहण होता है वह भी राष्ट्रगान दुहराता है। यहाँ यह नहीं कहा जा सकता कि जिस अधिनायक का गुणगान हो रहा है वह कौन है ये नेता सत्ताधारी ताम-झाम, टीम-टाम, रौब-दाव के साथ तोपों के बीच अपना ही गुणगान करा रहे हैं क्योंकि इस लोकतंत्र के तो ही अधिनायक हैं। वह अधिनायक नंगे बूढ़े नर कंकालों के माध्यम से उत्सव मना रहा है, मौज मार रहा है। यहाँ कहाँ है कोई जन-गण-मन यहाँ तो महाबली अधिनायक ही है। सारी पीड़ित भीरु जनता जिसका रोज बाजा बजाती है।

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