साझेदारी फर्मों का लेखांकन : आधारभूत अवधारणाऐं
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Class 12 Accountancy Chapter 2 Objective Questions in Hindi
- साझेदार के वेतन से नाम किया जाता है—
(A) व्यापारिक खाता
(B) लाभ – हानि खाता
(C) लाभ – हानि नियोजन खाता
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) लाभ – हानि नियोजन खाता
- साझेदारों को चालू खाता खोलना चाहिए जब पूँजी हो
(A) परिवर्तनशील
(B) स्थायी
(C) परिवादी
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) स्थायी
- बैंकिंग व्यवसाय करने वाली साझेदारी फर्म के सदस्यों की अधिकतम संख्या होगी
(A) 20
(B) 15
(C) 10
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) 10
- साझेदार का दायित्व है
(A) सीमित
(B) असीमित
(C) पूँजी तक सीमित
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) पूँजी तक सीमित
- साझेदारी संलेख को कहा जाता है
(A) प्रविवरण
(B) पार्षद अन्तर्नियम
(C) साझेदारी के सिद्धान्त
(D) साझेदारी का अन्तर्नियम
Ans (D) साझेदारी का अन्तर्नियम
- साझेदार का फर्म से सम्बन्ध होता है –
(A) प्रबन्धक का
(B) सेवक का
(C) अभिकर्त्ता का
(D) एकाधिकारी का
Ans (C) अभिकर्त्ता का
- साझेदारी अनुबन्ध बनाना है :
(A) अनिवार्य है
(B) ऐच्छिक
(C) अंशत : अनिवार्य है
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) ऐच्छिक
- साझेदारी अधिनियम किस वर्ष लागू हुआ ?
(A) सन् 1932 में
(B) सन् 1956 में
(C) सन् 1947 में
(D) सन् 1952 में
Ans (A) सन् 1932 में
- साझेदारी समझौता हो सकता है :
(A) मौखिक
(B) लिखित
(C) मौखिक या लिखित
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) मौखिक या लिखित
- साझेदारों के पूँजी खाते पर ब्याज क्रेडिट किया जाता है –
(A) लाभ – हानि खाते में
(B) ब्याज खातें में
(C) साझेदारों के पूँजी खाते में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) साझेदारों के पूँजी खाते में
- किसी साझेदारी संलेख के अभाव में किसी फर्म के लाभ एवं हानि को बाँटते हैं –
(A) पूँजी के अनुपात में
(B) समान अनुपात में
(C) इन दोनों में से किसी भी अनुपात में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) समान अनुपात मे
- साझेदारी संलेख की अनुपस्थिति में साझेदार को उसके द्वारा दी गई अग्रिम राशि पर ब्याज दिया जाएगा
(A) 4 % वार्षिक की दर से
(B) 5 % वार्षिक की दर से
(C) 6 % वार्षिक की दर से
(D) 8 % वार्षिक की दर से
Ans (C) 6 % वार्षिक की दर से
- साझेदारी फर्म में लाभ – हानि का विभाजन किया जाता है
(A) बराबर – बराबर
(B) पूँजी के अनुपात में
(C) समझौते के अनुसार
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) समझौते के अनुसार
- निम्न में से कौन साझेदारी की विशेषता नहीं है–
(A) समझौता
(B) लाभ – विभाजन
(C) सीमित दायित्व
(D) दो या दो से अधिक व्यक्ति
Ans (C) सीमित दायित्व
- लाभ – हानि नियोजन खाता बनाया जाता है—
(A) संचय कोष बनाने के लिए
(B) शुद्ध लाभ निकालने के लिए
(C) विभाज्य लाभ निर्धारण के लिए
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) विभाज्य लाभ निर्धारण के लिए
- एक साझेदारी फर्म में साझेदारों की अधिकतम संख्या सीमित कर दी गई है –
(A) 20
(B) 10
(C) 15
(D) 5
Ans (D) 5
- निम्न में कौन – सा लाभ का नियोजन है –
(A) ऋण पर ब्याज
(B) पूँजी पर ब्याज
(C) वेतन
(D) किराया
Ans (B) पूँजी पर ब्याज
- जब आहरण का समय न दिया हो तो आहरण पर ब्याज लगाया जाता है–
(A) 6 महीने के लिए
(B) 6 महीने के लिए
(C) 5½ महीने के लिए
(D) 12 महीने के लिए
Ans (B) 6 महीने के लिए
- जब वर्ष भर निश्चित राशियों का आहरण प्रत्येक महीने की अन्तिम तिथि को किया गया हो तो आहरण की कुल राशि पर ब्याज लगाया जाता है –
(A) 6 महीने के लिए
(B) 6 महीने के लिए
(C) 53½ महीने के लिए
(D) 1 माह के लिए
Ans (C) 53½ महीने के लिए
- फर्म के लिए साझेदार के आहरण पर ब्याज़ है—
(A) प्राप्ति
(B) व्यय
(C) हानि
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) प्राप्ति
- साझेदारी संलेख के अभाव में साझेदार हकदार नहीं हैं –
(A) वेतन पाने के
(B) कमीशन पाने के
(C) पूँजी पर ब्याज पाने के
(D) इनमें से सभी
Ans (D) इनमें से सभी
- यदि प्रत्येक तिमाही के प्रथम दिन समान राशि का आहरण किया जाता है तो आहरण की कुल राशि पर ब्याज की गणना होगी
(A) 6 माह के लिए
(B) 6.5 माह के लिए
(C) 5.5 माह के लिए
(D) 7.5 माह लिए
Ans (D) 7.5 माह लिए
- अनुकल्प और करण साझेदार हैं , जिनकी पूँजी क्रमश : ₹ 25,000 तथा ₹ 15,000 है । पूँजी पर 10 % वार्षिक ब्याज देय है । दोनों साझेदारों की पूँजी पर ब्याज की गणना कीजिए जब फर्म ने ₹ 2,400 लाभ कमाया हो । –
(A) ₹ 2,500 and ₹ 1,500
(B) ₹ 1,500 and ₹ 900
(C) ₹ 1,200 and ₹ 1,200
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) ₹ 1,500 and ₹ 900
- एक साझेदारी फर्म के लक्षण हैं –
(A) दो या दो से अधिक व्यक्ति
(B) निर्धारित अनुपात में लाभ – हानि बाँटना
(C) व्यवसाय का सभी के द्वारा या उनमें से किसी के द्वारा चलाया जाना
(D) उपरोक्त सभी
Ans (D) उपरोक्त सभी
- यदि समान मासिक राशि प्रत्येक माह के शुरू में आहरण के रूप में निकाली जाती है तो कौन से समय को ध्यान में रखा जायेगा ? –
(A) 7 माह
(B) 6 माह
(C) 5 माह
(D) 6.5 माह
Ans (D) 6.5 माह
- एक साझेदार के चालू खाते का कौन – सा शेष होता है ?—
(A) डेबिट शेष
(B) क्रेडिट शेष
(C) A या B
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) A या B
- A प्रतिमाह ₹ 1,000 प्रत्येक माह के अन्त में आहरित करता है । यदि ब्याज की दर 5 % प्रतिवर्ष हो तो आहरण पर कुल ब्याज होगा –
(A) ₹ 325
(B) ₹ 275
(C) ₹ 300
(D) ₹ 350
Ans (B) ₹ 275
- किसी ठहराव की अनुपस्थिति में , साझेदार पाने के अधिकारी हैं
(A) वेतन
(B) पूँजी के अनुपात में लाभ का हिस्सा
(C) ऋण तथा अग्रिमों पर ब्याज
(D) कमीशन
Ans (C) ऋण तथा अग्रिमों पर ब्याज
- परिवर्तनशील पूँजी खाते को क्रेडिट किया जाता है
(A) पूँजी पर ब्याज से
(B) वर्ष के लाभ से
(C) साझेदार के पारिश्रमिक से
(D) इनमें से सभी से
Ans (D) इनमें से सभी से
- साझेदारों के बीच किसी ठहराव की अनुपस्थिति में , साझेदार की पूँजी पर ब्याज दिया जाता है
(A) 8 %
(B) 6 %
(C) 9 %
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (D) इनमें से कोई नहीं
- साझेदारों की पूँजी पर ब्याज हैं–
(A) व्यय
(B) विनियोजन
(C) लाभ
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) विनियोजन
- मि . गंभीर के लिए 12 % प्रतिवर्ष की दर से आहरण पर ब्याज की गणना कीजिए यदि वह प्रत्येक माह के प्रारम्भ में एक बार ₹ 2,000 आहरण करता है–
(A) ₹ 1,560
(B) ₹ 1,500
(C) ₹ 1,200
(D) ₹ 1,000
Ans (A) ₹ 1,560
- साझेदारी संलेख की अनुपस्थिति में साझेदार को उनके द्वारा फर्म को दी गई अग्रिम राशि पर ब्याज दिया जाएगा—
(A) 5 %
(B) 6 %
(C) 8 %
(D) 9 %
Ans (B) 6 %
- साझेदारों के आहरण पर ब्याज है –
(A) व्यवसाय के लिए हानि
(B) व्यवसाय के लिए लाभ
(C) साझेदारों को लाभ
(D) बैंक को हानि
Ans (B) व्यवसाय के लिए लाभ
- अभिषेक के लिए आहरण पर 12 % वार्षिक की दर से ब्याज की गणना कीजिए यदि उसने माह में एक बार ₹ 2,000 आहरित किया हो
(A) ₹ 1,440
(B) ₹ 1,200
(C) ₹ 1,320
(D) 1,500
Ans (A) ₹ 1,440
- किसी समझौते के अभाव में , साझेदारी फर्म के लाभ – हानि का विभाजन किया जाता है
(A) बराबर – बराबर
(B) पूँजी के अनुपात में
(C) विभिन्न अनुपातों में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) बराबर – बराबर
- साझेदारी समझौते की अनुपस्थिति में , साझेदार के ऋण पर ब्याज दिया जाता है
(A) 5 % वार्षिक की दर से
(B) 6 % वार्षिक की दर से
(C) 8 % वार्षिक की दर से
(D) 4 % वार्षिक की दर से
Ans (B) 6 % वार्षिक की दर से
- साझेदारी संलेख की अनुपस्थिति में साझेदार को–
(A) वेतन दिया जायेगा
(B) वेतन नहीं दिया जायेगा
(C) उन्हें वेतन दिया जायेगा जो फर्म के लिए कार्य करते हैं
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) वेतन नहीं दिया जायेगा
- साझेदारों के पूँजी खाते पर ब्याज को क्रेडिट किया जाता है
(A) लाभ – हानि खाते में
(B) ब्याज खाते में
(C) साझेदारों के पूँजी खाते में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) साझेदारों के पूँजी खाते में
- स्थिर पूँजी खाता विधि के अन्तर्गत साझेदारों के पूँजी खाते पर ब्याज क्रेडिट किया जाता है
(A) साझेदारों के पूँजी खाते में
(B) लाभ – हानि खाता में
(C) ब्याज खाते में
(D) साझेदारों के चालू खाते में
Ans (D) साझेदारों के चालू खाते में
- साझेदारों के चालू खाते तब खोले जाते हैं जबकि उनके पूँजी खाते होते हैं
(A) स्थिर
(B) परिवर्तनशील
(C) A और B दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) स्थिर
- साझेदार के आहरण पर ब्याज के लिए डेबिट किया जाता है –
(A) साझेदार के पूँजी खाते को
(B) लाभ – हानि खाते को
(C) आहरण खाते को
(D) लाभ – हानि नियोजन खाता को
Ans (A) साझेदार के पूँजी खाते को
- फर्म के लिए साझेदार के आहरण पर ब्याज है
(A) व्यय
(B) आय
(C) हानि
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) आय
- साझेदारों की पूँजी पर देय ब्याज को प्रभारित किया जाता है
(A) लाभ – हानि खाता में
(B) लाभ – हानि नियोजन खाता में
(C) लाभ – हानि समायोजन खाता में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) लाभ – हानि नियोजन खाता में
- एक साझेदारी फर्म में साझेदारों की अधिकतम संख्या हो सकती है
(A) 10
(B) 20
(C) 50
(D) 30
Ans (C) 50
- चालू खाता है–
(A) व्यक्तिगत खाता
(B) वास्तविक खाता
(C) नाममात्र खाता
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) व्यक्तिगत खाता
- साझेदारों के चालू खाते का हमेशा होगा
(A) नाम शेष
(B) जमा शेष
(C) दोनों में से कोई भी
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) दोनों में से कोई भी
- साझेदार की पूँजी पर ब्याज की गणना होती है
(A) प्रारम्भ की पूँजी पर
(B) अन्त की पूँजी पर
(C) औसत पूँजी पर
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) प्रारम्भ की पूँजी पर
- साझेदारी संलेख तैयार करना है–
(A) अनिवार्य
(B) स्वैच्छिक
(C) आंशिक अनिवार्य
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) स्वैच्छिक
- साझेदारों की पूँजी पर ब्याज है
(A) व्यय
(B) विनियोजन
(C) लाभ
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) विनियोजन