Hindi Class 12 Chapter 12 Subjective

12th Hindi Chapter 12 Subjective : Here you can find class 12th hindi 100 marks Subjective questions for board exam 2024.हार-जीत subjective questions is very important for bihar board exam 2024. 

हार-जीत

1.उत्सव कौन और क्यों मना रहे हैं ?
उत्तरशासक वर्ग के साथ सारा शहर उत्सव मना रहा है या यों कहा जा सकता है, उत्सव मनवाया जा रहा है। उत्सव का आधार है सेना की विजय पर यह संदिग्ध है कि विजय किसकी हुई है।

2. नागरिक क्यों व्यस्त हैं? क्या उनकी व्यस्तता जायज है?
उत्तर नगर में विजय पर्व मनाया जा रहा है, सारे नागरिक उसमें व्यस्त हैं। यह व्यस्तता जायज नहीं है क्योंकि उन्हें विजय का विवरण ही प्राप्त नहीं है- यह विजय किसकी मानी जायेगी – राजा, सेना या प्रजा यहाँ मात्र आदेश का पालन हो रहा है कि उत्सव मनाओ।

3.किसकी विजय हुई सेना की, कि नागरिकों की?’ कवि ने यह प्रश्न क्यों खड़ा किया है? यह विजय किनकी है? आप क्या सोचते हैं? बताएँ ।
उत्तर  यह प्रश्न युद्ध के सन्दर्भ में हमेशा खड़ा रहा है लड़ाता कौन है? लड़ता कौन है ? विजयी कौन होता है? लड़ाता है। स्वार्थं नंगा स्वार्थ, लड़ती है सेना और विजयी होती है सत्ता पर नागरिक को बताया जाता है- हमारे देश की विजय हुई है। हर युद्ध के पीछे घोर स्वार्थ, अधिकारों की लिप्सा, आधिपत्य की कुत्सित भावना होती है- पर यह सारा खेल राष्ट्र के सम्मान के नाम पर होता है और जनता यह नहीं जान पाती अतः यह प्रश्न अनुचारित है कौन जीता है-जीतती सेना है, फल भोगता शासक है, जनता तो खुश हो लेती है और इस विजय को अपनी ही जीत मान बैठती है। यह विजय भले ही सेना की है, पर वास्तविक विजय सत्तापक्ष की है कि युद्ध क्यों हुआ, उसमें कितनी हानि हुई ।

4.खेत रहने वालों की सूची अप्रकाशित है। इस पंक्ति के द्वारा कवि ने क्या कहना चाहा है ? कविता में इस पंक्ति की क्या सार्थकता है? बताइए।
उत्तर युद्ध में मरना आवश्यक है। यदि उनकी सूची प्रकाशित कर दी जायेगी तो सारा देश जान जायेगा कि इतने नागरिक इतने सैनिक हताहत हो गये हैं। यह स्थिति जनआक्रोश भी उभार सकती है और सत्ता की मानसिकता भी इसके पीछे छिपी है। वह सेना को मरवाकर विजय पाता है पर सेना को इतना भी सम्मान नहीं कि उन्हें स्मरण भी किया जा सके, जब सूची ही नहीं तो फिर किसको स्मरण किया जा सकेगा। उनके प्रति श्रद्धांजलि कैसे अर्पित की जा सकती है। यह पंक्ति विशिष्ट भावपूर्ण है सार्थक है और दो स्थितियों की एक साथ व्यंजना करती है- सत्तापक्ष की कुत्सित मानसिकता और सैनिकों के प्रति उनकी उदासीनता।

5.सड़कों को क्यों सींचा जा रहा है?
उत्तर – यह हमारे यहाँ की अति प्राचीन परम्परा है। पर यहाँ छिड़काव इस कारण हो रहा है कि सत्ताधारी के शरीर पर धूलि के कण न चिपक जायें। यह धूलि जो माथे पर चढ़ायी जाती है शासक वर्ग उसकी उपेक्षा करता है, काश यह वर्ग धूल से जुड़ा रहा होता? तो यह तबाही शायद न आती, वे भी मिट्टी से जुड़ रहे होते और इस देश की माटी को चादर और अबीर मानकर माथे पर सजा रहे होते पर आज वे घृणा से दूर भाग रहे हैं।
6. बूढ़ा मशकवाला क्या कहता है और क्यों कहता है ?
उत्तर- बूढ़ा मशकवाला जो सड़कों को सींचते समय कह रहा है हम एक बार फिर हार गये हैं और गाजे-बाजे के साथ जीत हार लौट नहीं रही है। उसका यह कथन सार्थक है, जब यही पता नहीं कि जीत किसकी हुई है-सेना की, शासक की अथवा नागरिकों की ? साथ ही यह भी नहीं पता कि कितनी सेना लौट रही है? कितनी मारी जा चुकी है ? यहाँ यह ध्वनित है, प्रजा को भरमाया जा रहा है, बुद्धि जीवी भी भ्रमित हैं पर एक आम आदमी सही सोचता है क्योंकि वही सारी स्थितियाँ भोगता है। अत: उसकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। उत्तरदायित्व विहीन व्यक्ति गैर-जिम्मेदार माना जाता है, उसका कथन अधिकृत नहीं होता। यदि उस पर सच को दर्ज करने या बोलने की जिम्मेदारी होती तो वह समाज को अवश्य सच बता देता और सत्तापक्ष और जनता के बीच एक तनाव उठ खड़ा होता। अविश्वास जग जाता और यह सब विनाश ही लाता, निर्माण नहीं।

7.बूढ़ा मशकवाला किस जिम्मेदारी से मुक्त है? सोचिये अगर यह जिम्मेदारी उसे मिलती तो क्या होता?

उत्तर – उस पर मात्र सड़क सींचने की जिम्मेदारी है और सत्य बोलने की जिम्मेदारी से वह मुक्त है। वह फिर भी सच ही बोल रहा है पर यह उसकी जिम्मेदारी नहीं है। यह उसकी अंतरात्मा की पुकार है।

8.जिन पर है वे सेना के साथ ही जीत कर लौट रहे हैं।” जिनकिनके लिए आया है? वे सेना के साथ कहाँ से आ रहे हैं, वे सेना के साथ क्यों थे, वे क्या जीतकर लौटे हैं? बताएँ ।

उत्तरयहाँ जिनशब्द शासक सत्ताधारी पक्ष के लिए ही आया है। वे सेना के साथ रणक्षेत्र से लौट रहे हैं। सेना उनके साथ थी उनकी रक्षार्थ और शत्रु पर विजय पाने हेतु । सत्ताधारी रण में विजयी होकर आ रहे हैं ऐसा बताया जा रहा है यहाँ उनका शासक वर्ग का अहम् अधिनायकत्व का भाव उजागर हो रहा है तभी तो वे गाजे-बाजे और सेना के साथ नगर में प्रवेश करने आ रहे हैं

9.गद्य कविता क्या है? इसकी क्या विशेषताएँ हैं? इस कविता को देखते – परखते हुए बताएँ ।

उत्तर- छोटी गद्य कविताएँ हिन्दी में नई ही हैं, इनका विशिष्ट रूप और आकार-प्रकार समसामयिक अनुभव की धरती से सामग्री उठाकर बोलचाल, बातचीत और सामान्य मनः चिंतन के रूप में सामने आने वाला तथ्य रहता है। यहाँ युक्तियाँ भी हो सकती हैं और तर्क भी आ सकता है, यह कविता पेचीदगी भरी भी हो सकती है और चौरस भी संकलनकर्ता की टिप्पणी है यह कविता शासक वर्ग, राजनीति, युद्ध, इतिहास और आम आदमी को लेकर आधुनिक प्रसंग से अनेक प्रश्न उठाती है और काँधकर एक क्षण में अनेक सारी वास्तविकताओं को बेपर्दा करती हुई हम में एक ऐसी प्रतीति जगा जाती है जो परमुखापेक्षी और बंधुआ नहीं है, तटस्थ और मानवीय है। यहाँ भाव जटिल पर वर्णन शैली सरल, व्यवहारिकता से युक्त रहती है। इस कारण उसमें स्थानीयता का गहरा पुट रहता है।

10.कविता में किस प्रश्न को उठाया गया है? आपकी समझ में इसके भीतर से और कौन से प्रश्न उठते हैं?

उत्तर – यहाँ एक ही प्रश्न है- युद्ध में कौन हारता है और कौन जीतता है- सेना या जनता। जनता का तो प्रश्न ही नहीं, लड़ती सेना है वही जीतती है पर घोषणा होती है, देश जीत गया। क्या देश जीतता है? नहीं जीतती है मात्र सत्ता, स्वार्थी सत्ता जो अपने अहम् की तुष्टि हेतु लाखों को मरवा देती है और घोषणा करती है, हम राष्ट्र सम्मानार्थ ही लड़े थे। राष्ट्र को बर्वादी मिलती है। अनाथ बच्चे और सूनी माँगें मिलती हैं, वैभव का फल भोगता है सत्ताधारी। जिन लालों ने आत्मोत्सर्ग किया, उनका नाम भी नहीं लिया जाता क्योंकि उनकी सूची ही नहीं प्रकाशित होती। यह मात्र एक छलावा है सेना हेतु और जनता हेतु मात्र अपने स्वार्थ हेतु ।

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