Hindi Class 12 Chapter 2 Subjective

12th Hindi Chapter 2 Subjective : Here you can find class 12th hindi 100 marks Subjective questions for board exam 2024. उसने कहा था subjective questions is very important for bihar board exam 2024. usne kaha tha is written by चन्द्रधर शर्मा ‘गुलेरी’

उसने कहा था

1. कहानी के मुख्य पात्रो की एक सूचि तैयार करे ।

उत्तर- वैसे तो कहानी में कई पात्र है परन्तु जो मुख्य पात्र है उनकी सूचि निम्नलिखित है – लहना सिंह , सूबेदार , सूबेदारनी , बोधा सिंह , अतर सिंह , माहासिंह , वजीरा सिंह , आदि ।

2. ‘ उसने कहा था‘ कहानी कितने भागो में बटी हुई है ? कहानी के कितने भागो में युद्ध का वर्णन है ?

उत्तर- उसने कहा था ‘ कहानी को पांच भागो में बांटा गया है । इस पूरी कहानी के तीन भागो में युद्ध का वर्णन है । दुसरे , तीसरे , तथा चौथे भाग में युद्ध का दृश्य है ।

3. लहना सिंह का परिचय अपने शब्दों में दे ।

उत्तर– लहनासिंह एक वीर सिपाही है। वह ‘उसने कहा था’ कहानी का प्रमुख पात्र तथा नायक है। लेखक ने कहानी में उसके चरित्र को पूरी तरह उभारा है। कहानी में उसके चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ उभरकर सामने आती हैं-

(i) कहानी का नायक–कहानी का समस्त घटनाक्रम लहनासिंह के आस–पास घटता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वो कहानी का प्रमुख पात्र तथा नायक है।

(ii) सच्चा प्रेमी–लहनासिंह एक सच्चा प्रेमी है। बचपन में उसके हृदय में एक अनजान भावना ने जन्म लिया जो प्रेम था। यद्यपि उसे अपना प्रेम न मिल सका लेकिन फिर भी उसने सच्चाई से उसे अपने हृदय में बसाए रखा।

(iii) बहादुर तथा निडर–लहनासिंह बहादुर तथा निडर व्यक्तित्व का स्वामी है। तभी तो वह बैठे रहने से बेहतर युद्ध को समझाता है।

(iv) चतुर : लहनासिंह बहादुर होने के साथ–साथ काफी चतुर भी है। इसीलिए उसे लपटन साहब के नकली होने का शक हो गया और उसने चतुराई से उसका भांडा फोड़ दिया।

(v)  सहानुभूति तथा दयालुपन : लहनासिंह के चरित्र में सहानुभूति तथा दया भाव भी विद्यमान है। इसीलिए वह भीषण सर्दी में भी अपने कम्बल और जर्सी बीमार बोधासिंह को दे
देता है।

(vi) वचन पालन : सूबेदारनी ने लहनासिंह से अपने पति और बेटे के प्राणों की रक्षा करने की बात कही थी। लेकिन लहना सिंह ने उसे एक वचन की तरह निभाया और इसके लिए अपने प्राण भी न्योछावर कर दिया।

4. पाठ से लहना और सूबेदारनी के संवादों को एकत्र करें।

उत्तर– पाठ में लहनासिंह और सूबेदारनी के बीच कुछ संवाद हैं जो निम्नलिखित हैं–

बचपन का संवाद–
“तेरे घर कहाँ है?”
“मगरे में–और तेरे!”
“माँझे में; यहाँ कहाँ रहती है?”
“अतरसिंह की बैठक में, वे मेरे मामा होते हैं।”
“मैं भी मामा के यहाँ हूँ, उनका घर गुरु बाजार में है।”

इतने में दूकानदार………….लड़के ने मुस्कुराकर पूछा–”तेरी कुड़माई हो गई?” इस पर लड़की कुछ आँखें चढ़ाकर ‘धत्’ कहकर दौड़ गई।

…………लड़के ने फिर पूछा–”तेरी कुड़माई हो गई?” और उत्तर में वही ‘धत्’ मिला। एक दिन जब फिर लड़के ने वैसे ही हँसी में चिढ़ाने के लिए पूछा तब लड़की, लड़के की संभावना के विरुद्ध बोली–”हाँ, हो गई।”

“कब?”
“कल–देखते नहीं यह रेशम से कढ़ा हुआ सालू!”
सूबेदार के घर का संवाद
“मुझे पहचाना?”
“नहीं।”

“तेरी कुड़माई हो गई? ‘धत्’–कल हो गई–देखते नहीं रेशमी बूटोंवाला सालू–अमृतसर में–”सूबेदारनी कह रही है–”मैंने तेरे को आते ही पहचान लिया। ………तुम्हारे आगे मैं आँचल पसारती हूँ।”

5. “ कलदेखते नही ये रेशम से गढ़ा हुआ शालू ” । वह सुनते ही लहना की का प्रतिक्रिया हुई ?

उत्तर- ये बात सुनते ही लहना को काफी गुस्सा आया । साथ ही साथ वह अपने सुध बुध खो बैठा । इसलिए घर वापस आते समय एक लड़के को नाली में धकेल दिया , एक खोमचे वाले के खोमचे से बिखेर दिया , एक कुत्ते को पत्थर मारा और एक सब्जी वाले की दूध उड़ेल दिया एक पूजा पाठ करने वाली औरत से टकरा गया जिसने उसे अँधा कहा । ऐसे करते करते वो घर पंहुचा ।

6. “ जाड़ा क्या हैमौत है और निमोनिया से मरने वाले को मुरब्बे नही मिला करते ” वजीरा सिंह के इस कथन का क्या आशय है ?

उत्तर- वजीरा सिंह के इस कथन का आशय है की वहां युद्ध के मैदान में अत्यधिक ठंडा पड़ रही है जिसके कारण ऐसा लगता है कि मानो उसकी जान ही निकल जाएगी वैसे भी इस स्थिति में इतने लोगो को निमोनिया हो रहा है उन्हें मरने के लिए स्थान भी नही मिल रहा है ।

7. ‘ कहती है तुम राजा होमेरे मुल्क को बचाने आये हो वजीरा के इस कथन में किसकी ओर संकेत है ?

उत्तर – कहती है , तुम राजा हो , मेरे को बचाने आये हो ” वजीरा के इस कथन में फ्रांस की मेम ओर संकेत है ।

8. लहना सिंह के गाँव में आया तुर्की मौलवी क्या कहता है?

उत्तर- लहना के गाँव में आया तुर्की मौलवी कहता था की जर्मनी वाले बड़े पंडित है । वेद पढ़ पढ़कर वे विमान चलाने की विद्या जान गए है । मंडी में बनियों को बहकाता था कि डाकखाने से रुपया निकाल लो , सरकार का राज्य जाने वाला है ।

9. लहना सिंह का दायित्व बोध और उसकी बुद्धि दोनों ही स्पृहणीय है । इस कथन की पुष्टि करे ।

उत्तर- ये सत्य है की ‘ लहना सिंह ‘ का दायित्व बोध और उसकी बुद्धि दोनों ही स्पृहणीय है । लहना सिंह ने जिस तरह अपना दायित्व निभाया , वो सच में काबिले तारीफ है क्योकि सुबेदारिनी ने अपना आँचल पसारकर अपने पति और बेटे की जान बचाने की भीख मांगी थी लहना से और बहादुर तथा वीर लहना ने अपनी जान का परवाह न करते हुए उन दोनों की जान बचाई थी । इतना ही नही लहना ने ‘ जमादार पद का दायित्व भी बड़ी बखूबी से निभाया था । लहना सिंह की बुद्धिमानी भी तारीफ़ करने योग्य है क्योकि नकली रूप में आये लपटन साहब ने सोचा कि मै लहना के फ़ौज में शामिल होकर लहना की फ़ौज को ही बम से उड़ा दू लेकिन लहना की चालाकी और बुद्धिमानी ने लपटन साहब को दबोच लिया । इस प्रकार से बहुत बुद्धिमानी से ये जंग जीता था ।

10. प्रसंग एवं अभिप्राय बताएं‘ मृत्यु के कुछ समय पहले स्मृति बहुत साफ़ हो जाती है । जन्म भर की घटनाएँ एक – एक करके सामने आती है । सारे दृश्यों के रंग साफ़ होते हैसमय की धुंध बिलकुल उनपर से हट जाती है । ‘

उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति चंद्रधर शर्मा गुलेरी द्वारा रचित पाठ उसने कहा था ‘ से लिया गया है । इस पंक्ति का आशय बड़ा ही भावुक है । जब लड़ाई खत्म हो जाती है तो लहना सिंह को अपने 12 वर्ष की अवस्था की याद आने लगती है । अमृतसर शहर के चौक पर दही वाले दुकान पर मिली वो 8 साल की लड़की , तेरी कुडमाई हो गई ? धत कहकर देने वाली जबाबे उनको बहुत याद आ रही थी । लहना सिंह जब जमादार पद पर नियुक्त हुआ था तब उस लड़की की याद उन्हें ज्यादा नही आ रही थी लेकिन जब मृत्यु नजदीक आने लगती है तो सारी बाते याद बनकर आने लगती है अर्थात सारे दृश्यों के रंग साफ़ होते है और समय की धुंध बिलकुल उनपर से हट जाती है ।

11.मर्म स्पस्ट करें

क ) अब के हाड़ में यह आम खूब फलेगा । चाचा भतीजा दोनों यही बैठकर आम खाना । जितना बड़ा भतीजा है उतना ही यह आम है । जिस महीने उसका जन्म हुआ था , उसी महीने में मैंने इसे लगाया । ‘

उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति चंद्रधर शर्मा गुलेरी द्वारा लिखित ‘ उसने कहा था से ली गई है।लहानासिंह बुरी तरह जख्मी है । उसका अंतिम समय निकट आ चुका प्रतीत हो रहा है।ऐसी अवस्था मे वो अतीत और भविष्य की स्मृतियो मे उलझा हुआ है । कभी उसे अतीत की घटनाएँ याद आती है तो कभी भविष्य की कल्पनाएँ उसे झकझोर जाती है।ऐसी ही एक कल्पना करते हुए वह वजीरासिंह से कहता है कि इस बार आषाढ के महीने मे यह आम खूब फलेगा । तुम और तुम्हारा भतीजा बैठकर खूब आम खाना । यह आम का पेड मैंने उसी महीने लगाया था जिस महीने तेरे भतीजे का जन्म हुआ था । यह आम का पेड तेरे भतीजे के बराबर है ।

ख ) और अब घर जाओ तो कह देना की मुझे जो उसने कहा था वह मैंने कर दिया । ‘

उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति चंद्रधर शर्मा गुलेरी द्वारा रचित ‘ उसने कहा था ‘ से लिया गया है । सूबेदारनी ने लहनासिंह को एक दायित्व सौपा था कि उसके पति और बेटे के प्राणो की रक्षा करना । लहनासिंह ने उनदोनो की जान बचाकर उसे पूरा किया । उसने घायल होने के बावजूद उनदोनो को गाडियो मे भेज दिया और खुद वही रह गया । जब सूबेदार अपने बेटे के साथ जाने लगे तो लहनासिंह ने उनसे कहा कि जब घर जाओ तो सूबेदारनी से कह देना कि उसने मुझसे जो कहा था वह मैंने कर दिया ।

12. ‘ उसने कहा था‘ कहानी का केन्द्रीय भाव क्या है ? वर्णन करे ।

उत्तर- उसने कहा था ‘ कहानी में लेखक ने लहना सिंह के निश्छल प्रेम को दर्शाया है । लहना सिंह ने उस लड़की से बचपन में कई बार एक ही बात पूछा- तेरी कुडमाई हो गई क्या ? और लड़की धत कहकर दौड़ कर भाग जाती थी । इससे यह साफ प्रतीत होता है की लहना सिंह के दिल में उस लड़की के लिए प्रेम था और वो प्रेम निश्छल इसलिए था क्योकि लहना सिंह ने उस लड़की द्वारा दिए गए वचन को अपना वचन समझकर निभाया और अपना प्राण तक की आहुति दे दी ।

This Post Has 2 Comments

  1. Deepak

    Nice

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