वित्तीय प्रबंध Subjective Questions
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Business studies class 12 chapter 9 questions and answers in hindi
- वित्तीय प्रबन्ध से क्या समझते हैं ? ( What do you mean by Financial management ? )
उत्तर- वित्तीय प्रबन्ध से आशय किसी व्यावसायिक उपक्रम की कुशल वित्तीय व्यवस्था से हैं ।
- वित्तीय प्रबंध के महत्व बताइए । ( Discuss the importance of Financial Management . )
उत्तर- वित्तीय प्रबंधन के महत्त्व निम्नलिखित हैं । (i) वित्तीय प्रबंध प्रबंधकों की भूमिका को प्रभावी बनाता है । (ii) वित्तीय प्रबंध वित्तीय संस्थाओं की भूमिका जैसे बैंक, बट्टा, गृहों आदि की भूमिकाओं को प्रभावी बनाता है । (iii) वित्तीय प्रबंध अनुकूलतम लाभांश संभव बनाता है । (iv) वित्तीय प्रबंध अनुकूलतम वित्तीय निर्णय संभव बनाता है ।
- वित्तीय प्रबंध के कार्यों को लिखें । ( Write the functions of Financial Management . )
उत्तर- वित्तीय प्रबंध के कार्य निम्नलिखित हैं (i) वित्तीय पूर्वानुमान – वित्तीय प्रबंध की आधारशिला वित्तीय पूर्वानुमान है और इस प्रकार वित्तीय पूर्वानुमान लगाना वित्तीय प्रबंध का प्रथम कार्य है । (ii) आय प्रबंध – यह भी वित्तीय प्रबंध का एक कार्य है , इसके अंतर्गत आय को सही ढंग से मापना , आय का सही अनुपात में वितरण करना तथा यथोचित लाभांश नौति का पालन करना शामिल है ।
- वित्तीय नियोजन कितने प्रकार का होता है ? ( How many kinds of Financial Planning ?
उत्तर- वित्तीय नियोजन के तीन प्रकार है (i) अल्पकालीन वित्तीय नियोजन – साधारणतः एक व्यवसाय में एक वर्ष के लिए जो वित्तीय नियोजन किया जाता है , वह अल्पकालीन वित्तीय नियोजन कहलाता है । (ii) मध्यकालीन वित्तीय नियोजन – व्यवसाय में एक वर्ष से अधिक लेकिन पाँच कहते हैं । वर्ष से कम समय के लिए जो नियोजन किया जाता है । उसे मध्यकालीन वित्तीय नियोजन कहते हैं। (iii) दीर्घकालीन वित्तीय नियोजन – एक व्यवसाय में पाँच वर्ष या इससे अधिक अवधि के लिए जो नियोजन किया जाता है , उसे दीर्घकालीन वित्तीय नियोजन कहा जाता है ।
- वित्तीय नियोजन से क्या समझते हैं ? ( What do you mean by Financial Planning ? )
उत्तर- वित्तीय नियोजन का अभिप्राय वित्तीय क्रियाओं के पूर्व – निर्धारण से है , ताकि संस्था के उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके । इसका उद्देश्य आवश्यक वित्त की उपयुक्त मात्रा में तथा सही समय पर उपलब्ध करवाना है
- स्थायी पूँजी का अर्थ बताइये । ( What is the meaning of Fixed capital ? ) उत्तर- स्थायी पूँजी से आशय पूँजी के उस भाग से है जिसका निवेश स्थायी सम्पत्तियाँ जैसे कि भूमि , भवन , मशीनरी आदि की खरीद के लिए किया जाता है । इस सम्पत्तियों का क्रय करने का उद्देश्य लम्बे समय तक इनसे आय अर्जित करना होता है ।
- कार्यशील पूंजी से क्या आशय है ? ( What is the meaning of Working Capital ? )
उत्तर– कार्यशील पूँजी वह होता है , जो चालू संपत्तियों एवं चालू दायित्वों के अंतर से निकलती हैं । कार्यशील पूँजी के प्रबंध का उद्देश्य चालू संपत्तियों एवं चालू दायित्वों दोनों के अनुकूलतम मात्रा का निर्धारण करना है ।
- वित्तीय नियोजन के उद्देश्यों का वर्णन करें । उत्तर – वित्तीय नियोजन के उद्देश्य इस प्रकार से हैं ( Discuss the objects of Financial Planning . )
उत्तर– (i) सरलता – वित्तीय नियोजन इतना सरल होना चाहिए ताकि यह आसानी से समझ में आ जाए । (ii) लोच – वित्तीय नियोजन इस प्रकार किया जाय ताकि , व्यापार में विस्तार एवं संकुचन अपने आप में समेटने में दिक्कत न आये । (iii) पर्याप्त पूँजी – वित्तीय नियोजन इतनी पूँजी का करना चाहिए जो व्यवसाय की समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके और लाभ कमाने में समर्थ हो । (iv) लागत – साधारण अंशों पर लाभांश , पूर्वाधिकार अंश से अधिक रखना चाहिए और पूर्वाधिकार अंशों को लाभांश की दर ऋण – पत्रों के ब्याज की दर से अधिक होनी चाहिए या जो विनियोगकर्ता जितनी जोखिम उठाए उसे उतना ही अधिक प्रतिफल दिया जाना चाहिए । (v) पूँजी एकत्रीकरण की कम लागत – नियोजन इस प्रकार किया जाना चाहिए जिससे न्यूनतम लागत पर आवश्यक मात्रा तक पूँजी एकत्रित की जा सके ।
- वित्तीय नियोजन के महत्त्व का वर्णन करें । ( Explain the importance of Financial Planning . )
उत्तर- जिस प्रकार मनुष्य बिना रक्त के जीवित नहीं रह सकता है उसी प्रकार से उपक्रम बिना वित्त के जीवित नहीं रह सकता है । वित्तीय नियोजन का महत्त्व निम्नलिखित से स्पष्ट हो जाता है (i) पर्याप्त कोष – व्यवसाय के लिए पर्याप्त वित्त कोष उपलब्ध कराना वित्तीय नियोजन का मूलभूत उद्देश्य है । भावी प्राप्तियों एवं भुगतानों का पूर्वानुमान लगाकर वित्त के आधिक्य अथवा कमी की परिस्थितियों से बचा जाता है और पर्याप्त कोषों का प्रवाह बनाये रखा जा सकता है । (ii) भावी विकास – कुशल संरचना किसी भी व्यवसाय के भावी विकास के लिए आवश्यक होती है । भविष्य में वित्त की समस्या उत्पन्न न हो , इसके लिए श्रेष्ठ वित्तीय संरचना महत्त्वपूर्ण है । (iii) लाभ देयता में वृद्धि – प्रभावी वित्तीय नियोजन से न केवल सस्ती दरों पर पर्याप्त कोषों की प्राप्ति होती है , अपितु कोषों का अनुकूलतम उपयोग भी संभव होता है । (iv) व्यवसाय में पर्याप्त तरलता – वित्तीय नियोजन के द्वारा व्यवसाय में तरलता की स्थिति बनायी जा सकती है । व्यवसायी देनदारियों का समय पर भुगतान करने तथा अपनी शोधन क्षमता बनाये रखने में सफल हो जाता है। (v) व्यवसाय का विकास व्यवसाय की स्थापना के बाद उसके विकास और विस्तार हेतु वित्तीय नियोजन का महत्त्व देखा जा सकता है ।
- वित्तीय प्रबन्ध की स्थाई सम्पत्तियों के निर्धारण में क्या भूमिका होती हैं ? ( What is the role of financial management in determination of the Fixed Assets ? )
उत्तर- वित्तीय प्रबन्ध की स्थाई सम्पत्तियों में कुल विनियोग तथा प्रत्येक स्थाई सम्पत्ति में किए जाने वाले विनियोग के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका होती हैं
- पूँजी बजटिंग निर्णय से आपका क्या अभिप्राय है ? ( Whar do you meant by Capital Budgeting decision ?
उत्तर- स्थाई सम्पत्तियाँ जिनसे एक लम्बे समय तक आय प्राप्त होती हैं तथा इसका विनियोग किया जाता है , उसे ही पूँजी बजटिंग निर्णय कहते हैं ।
- वित्तीय जोखिम का अभ्युदय कैसे होता है ? ( Whar determines overall financial risk ? )
उत्तर- वित्तीय जोखिम का अभ्युदय पूँजी ढाँचे में उधार की अधिकता से उत्पन्न होता हैं । व्यवसाय की अनिश्चितता व जोखिम भी पूँजी ढाँचें के प्रारूप को प्रभावित करती हैं ।