गैर-लाभकारी संगठनों / गैर-व्यापारिक संस्थाओं का लेखांकन
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Class 12 Accountancy Chapter 1 Objective Questions in Hindi
- पुराने अखबारों की बिक्री है –
(A) पूँजीगत प्राप्ति
(B) आयगत प्राप्ति
(C) सम्पत्ति
(D) लाभ
Ans (B) आयगत प्राप्ति
- पुरस्कार कोष से सम्बन्धित आय एवं व्यय को दिखाया जाता है
(A) आय एवं व्यय खाते में
(B) चिट्ठे के सम्पत्ति पक्ष में
(C) चिट्ठे के दायित्व पक्ष में
(D) रोकड़ खाता में
Ans (A) आय एवं व्यय खाते में
- गैर-व्यापारिक संगठनों का आजीवन सदस्यता शुल्क है —
(A) पूँजीगत प्राप्ति
(B) आयगत प्राप्ति
(C) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) पूँजीगत प्राप्ति
- वसीयत ( रिक्थ ) को माना जाना चाहिए –
(A) देयता
(B) आयगत प्राप्ति
(C) पूँजीगत प्राप्ति
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) पूँजीगत प्राप्ति
- सचिव को मानदेय का भुगतान है –
(A) पूँजीगत व्यय
(B) आयगत व्यय
(C) नकद व्यय
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) आयगत व्यय
- विशिष्ट दान है —
(A) पूँजीगत प्राप्ति
(B) आयगत प्राप्ति
(C) सम्पत्ति
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) पूँजीगत प्राप्ति
- आय – व्यय खाता में लेखा किया जाता है
(A) पूँजीगत मदों का
(B) आयगत मदों का
(C) A एवं B दोनों का
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) आयगत मदों का
- बकाया चन्दा है –
(A) आय
(B) सम्पत्ति
(C) दायित्व
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) सम्पत्ति
- यदि स्पष्टतया कुछ न दिया हो तो प्रवेश शुल्क को माना जाता है
(A) आयगत प्राप्ति
(B) पूँजीगत प्राप्ति
(C) दायित्व
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) आयगत प्राप्ति
- एक क्लब द्वारा प्राप्त आजीवन सदस्यता शुल्क है –
(A) आयगत प्राप्ति
(B) पूँजीगत प्राप्ति
(C) A तथा B दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) पूँजीगत प्राप्ति
- पूँजीगत प्रकृति की सभी प्राप्तियाँ दिखाई जाती हैं —
(A) आय – व्यय खाता में
(B) स्थिति विवरण में
(C) लाभ – हानि खाता में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) स्थिति विवरण में
- आयगत प्रकृति की सभी मदें दिखाई जाती हैं –
(A) आय – व्यय खाता में
(B) स्थिति विवरण में
(C) A तथा B दोनों में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) आय – व्यय खाता में
- निम्न में से कौन – सा अलाभकारी संगठन नहीं है –
(A) स्कूल
(B) अस्पताल
(C) क्लब
(D) साझेदारी फर्म
Ans (D) साझेदारी फर्म
- गैर – व्यापारिक संस्थाओं में देयताओं पर परिसम्पत्तियों के आधिक्य को कहते हैं
(A) पूँजी निधि
(B) पूँजी
(C) लाभ
(D) शुद्ध लाभ
Ans (A) पूँजी निधि
- एक क्लब द्वारा प्राप्त अग्रिम चन्दे को चिट्ठे के पक्ष में दिखाया जाता है
(A) सम्पत्ति पक्ष
(B) दायित्व पक्ष
(C) डेबिट पक्ष
(D) क्रेडिट पक्ष
Ans (B) दायित्व पक्ष
- निम्न में से कौन आय नहीं है
(A) चन्दा
(B) दान
(C) टिकट की बिक्री
(D) एण्डोमेण्ट निधि
Ans (D) एण्डोमेण्ट निधि
- आय – व्यय खाते में शामिल होते हैं–
(A) आयगत मदें
(B) पूँजीगत मदें
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) आयगत मदें
- गैर – व्यापारिक संस्थान में अधिक लेन – देन होते हैं –
(A) नकद
(B) उधार
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) (A) और (B) दोनों
- लाभ न कमाने वाली संस्था का मुख्य उद्देश्य होता है —
(A) लाभ कमाना
(B) समाज की सेवा करना
(C) लाभ – हानि खाता तैयार करना
(D) उपरोक्त सभी
Ans (B) समाज की सेवा करना
- एक संस्था द्वारा प्राप्त चन्दा है –
(A) पूँजीगत प्राप्ति
(B) आयगत प्राप्ति
(C) ‘ A ‘ एवं ‘ B ‘ दोनों
(D) उपरोक्त में से कोई भी नहीं
Ans (B) आयगत प्राप्ति
- एक क्लब द्वारा प्राप्त प्रवेश शुल्क को माना जाता है
(A) आयगत प्राप्ति
(B) पूँजीगत प्राप्ति
(C) आयगत व्यय
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) आयगत प्राप्ति
- प्राप्ति एवं भुगतान खाता सारांश है—
(A) समस्त पूँजीगत प्राप्ति एवं भुगतानों का
(B) समस्त आयगत प्राप्ति एवं भुगतानों का
(C) समस्त आयगत एवं पूँजीगत प्राप्ति एवं भुगतानों का
(D) उपरोक्त में से कोई नहीं
Ans (C) समस्त आयगत एवं पूँजीगत प्राप्ति एवं भुगतानों का
- वर्ष के दौरान प्राप्त चन्दा ₹ 50,000 ; वर्ष के अन्त में अदत्त चन्दा ₹ 8,000 ; वर्ष के प्रारम्भ में अदत्त चन्दा ₹ 6,000 चन्द्रों से प्राप्त शुद्ध आय होगी –
(A) 48,000
(B) 64,000
(C) 52,000
(D) 36,000
Ans (C) 52,000
- वर्ष के दौरान प्राप्त चन्दा ₹ 1,80,000 ; वर्ष के अन्त में अदत्त चन्दा ₹ 20,000 ; वर्ष के अन्त में प्राप्त अग्रिम चन्दा ₹ 10,000 । आय . तथा व्यय खाते में क्रेडिट की जाने वाली चन्दे की राशि होगी
(A) 2,10,000
(B) 1,90,000
(C) ₹ 1,70,000
(D) 2,00,000
Ans (B) 1,90,000
- यदि विशिष्ट कोष संधारित होता है और यदि व्यय राशि विशिष्ट कोष की कुल राशि से अधिक हो तो शेष व्ययों को लिखा जाना चाहिए
(A) आर्थिक चिट्ठा के दायित्व पक्ष में
(B) आय – व्यय खाते के डेबिट पक्ष में
(C) आय – व्यय खाते के क्रेडिट पक्ष में
(D) स्थिति विवरण के सम्पत्ति पक्ष में
Ans (B) आय – व्यय खाते के डेबिट पक्ष में
- उपभोगजन्य मदों की बिक्री से सभी प्राप्तियों को माना जाता है —
(A) पूँजीगत प्राप्तियाँ ( Capital Receipts )
(B) आयगत प्राप्तियाँ
(C) ‘ A ‘ तथा ‘ B ‘
(D) इनमें से कोई
Ans (B) आयगत प्राप्तियाँ
- वर्ष के दौरान प्राप्त चन्दे की राशि ₹ 5,000 है , अगले वर्ष के लिए अग्रिम प्राप्त राशि ₹ 300 है । चालू वर्ष के लिए अदत्त राशि ₹ 400 है । आय – व्यय खाते में चन्दे के लिए क्रेडिट की जाने वाली राशि है –
(A) 4,000
(B) 5,100
(C) ₹ 4,200
(D) ₹ 4,600
Ans (B) 5,100
- यदि आय ₹ 16,000 है और पूँजी कोष में डेबिट की गई कमी ₹ 4,300 है तो व्यय है–
(A) ₹ 16,000
(B) ₹ 4,300
(C) ₹ 20,300
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) ₹ 20,300
- आय व व्यय खाता का शेष …….. दर्शाता है–
(A) हस्तस्थ रोकड़
(B) पूँजी कोष
(C) शुद्ध आय
(D) व्यय पर आय की अधिकता या विलोमता
Ans (D) व्यय पर आय की अधिकता या विलोमता
- मृत व्यक्ति की वसीयत से प्राप्त सम्पत्ति को कहा जाता है
(A) रिक्थ
(B) मानदेय
(C) दान
(D) चन्द्रा
Ans (A) रिक्थ
- वसीयत को मानना चाहिए—
(A) दायित्व
(B) आयगत प्राप्ति
(C) आय
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (A) दायित्व
- एक क्लब द्वारा प्राप्त आजीवन सदस्यता शुल्क को दिखाया जाता है
(A) आय – व्यय खाते में
(B) आर्थिक चिट्ठा में
(C) प्राप्ति और भुगतान खाते में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) आर्थिक चिट्ठा में
- एक गैर – व्यापारिक संस्था के लिए मानदेय का भुगतान होता है
(A) पूँजीगत व्यय
(B) आयगत व्यय
(C) आय
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) आयगत व्यय
- प्राप्ति और भुगतान खाता है
(A) व्यक्तिगत खाता
(B) वास्तविक खाता
(C) नाममात्र खाता
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) वास्तविक खाता
- आय – व्यय खाता है–
(A) व्यक्तिगत खाता
(B) वास्तविक खाता
(C) नाममात्र खाता
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (C) नाममात्र खाता
- निम्न में से कौन लाभ न कमाने वाली संस्था नहीं है —
(A) महाविद्यालय
(B) खेलकूद क्लब
(C) मारुति उद्योग
(D) हॉस्पीटल
Ans (C) मारुति उद्योग
- प्राप्ति एवं भुगतान खाता सामान्यतया दर्शाता है–
(A) आधिक्य
(B) पूँजी कोष
(C) डेबिट शेष
(D) क्रेडिट शेष
Ans (C) डेबिट शेष
- आय तथा व्यय खाता दिखाता है—
(A) आधिक्य / घाटा
(B) रोकड़ शेष
(C) पूँजी कोष
(D) शुद्ध लाभ / हानि
Ans (A) आधिक्य / घाटा
- विशेष उद्देश्य के लिए प्राप्त दान दिखाई जायेगी –
(A) आय – व्यय खाते में
(B) चिट्ठे के दायित्व पक्ष में
(C) चिट्ठे के सम्पत्ति पक्ष में
(D) इनमें से कोई नहीं
Ans (B) चिट्ठे के दायित्व पक्ष में
- गैर व्यापारिक संस्थाओं में देयताओं पर परिसम्पत्तियों के आधिक्य को कहते हैं
(A) पूँजी निधि
(B) लाभ
(C) पूँजी
(D) अधिशेष
Ans (A) पूँजी निधि
- गैर – व्यापारिक संस्थाओं में व्यय पर आय की अधिकता को कहा जाता है
(A) अधिशेष
(B) लाभ
(C) हानि
(D) कमी
Ans (A) अधिशेष