प्रत्यावर्ती धारा
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12th Physics Chapter 7 Objective Questions in Hindi
- एक LCR परिपथ में अनुनाद प्रस्तुत होता है, जब : (व्यंजकों के जकों के अर्थ सामान्य है )
(A) WL = 1/WC
(B) WL = WC
(C) W (L+1/C) = 0
(D) इनमें से कोई नहीं
- प्रत्यावर्ती धारा परिपथ के LCR श्रेणी संयोजन में वोल्टेज प्रत्येक L,C,R घटक में 50 वोल्ट है। वोल्टेज LC संयोजन के बीच होगा :
(A) 50 Volt
(B) 25 Volt
(C) 100 Volt
(D) 0 Volt
- प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में यदि धारा I एवं वोल्टेज के बीच कलान्तर α हो तो धारा का वाटहीन घटक होगा :
(A) Icosaα
(B) Isinα
(C) Itanα
(D) इनमें से कोई नहीं
- यदि किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ की यथार्थ और आभासी शक्तियाँ क्रमशः PTएवं PAहों तो शक्ति गुणांक होगा :
(A) PT/PA
(B) PT x PA
(C) PA/PT
(D) PT + PA
- किसी प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में धारा एवं विभवान्तर के बीच कलान्तर θ है। तब शक्ति गुणांक होगा :
(A) cosθ
(B) sinθ
(C) tanθ
(D) 1θ
- चोक कुण्डली का कार्य सिद्धान्त निम्न पर आधारित है :
(A) कोणीय संवेग संरक्षण
(B) स्वप्रेरण
(C) अन्योन्य प्रेरण
(D) संवेग संरक्षण
- एक उच्चायी परिमापित्र में कण्डलियों में फेरों की संख्या में प्रथांमक में N1 तथा द्वितीयक में N2 तक :
(A) N1=N2
(B) N1<N2
(C) N1>N2
(D) इनमें से कोई नहीं
- A.C. का समीकरणi = 50 sin 100t है तो धारा की आवृत्ति होगी –
(A) 50π हर्ट्ज
(B) 50/π हर्ट्ज
(C) 100 π हर्ट्ज
(D) 100/π हर्ट्ज
- युक्ति जो वोल्टता को बढ़ा देता है उसे क्या कहते हैं ?
(A) प्रतिरोध
(B) अपचायी ट्रांसफॉर्मर
(C) उच्चायी ट्रांसफॉर्मर
(D) ट्रांसफॉर्मर
- LC परिपथ की दोलन की आवृत्ति ƒहै। यदि धारिता एवं प्रेरकत्व दोनों दुगुना कर दिया जाए तो उसकी आवृत्ति होगी –
(A) ƒ/4
(B) 2ƒ
(C) 4ƒ
(D) ƒ/2
11. यदि LCR परिपथ में L= 8.0 हेनरी, C = 0.5 μ F, R=100 Ω श्रेणीक्रम में हैं, तो अनुनादी आवृत्ति होगी –
(A) 600 रेडियन/सेकेण्ड
(B) 500 रेडियन/सेकेण्ड
(C) 600 हर्ट्स
(D) 500 हर्ट्ज
12. एक चोक कुण्डली का व्यवहार परिपथ में धारा को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है –
(A) केवल a.c. परिपथ में
(B) केवल d.c. परिपथ में
(C) दोनों a.c. तथा d.c. परिपथों में
(D) इनमें से कोई नहीं
- LCR परिपथ में धारिकत्व को C से बदलकर 4C कर दिया जाता है। समान अनुनादी आवृत्ति के लिए प्रेरकत्व को L से बदलकर होना चाहिए।
(A) 2L
(B) L/2
(C) L4
(D) 4L
- अपचायी ट्रान्सफॉर्मर बढ़ाता है –
(A) धारा
(B) वोल्टता
(C) वाटता
(D) इनमें से कोई नहीं
- LCR परिपथ में धारा के महत्तम मान के लिए होता है –
(A) ω2 = LC
(B) ω2 = 1/LC
(C) ω = 1/LC
(D) ω = √¯LC
16. प्रत्यावर्ती धारा का ऊष्मीय प्रभाव प्रमुखतः है –
(A) जूल ऊष्मन
(B) पेल्टियर ऊष्मन
(C) टॉमसन प्रभाव
(D) इनमें से कोई नहीं
17. चोक कुंडली का शक्ति गुणांक है :
(A) 90°
(B) 0
(C) 1
(D) 180°
18. संधारित्र का शक्ति गुणांक लगभग है –
(A) 90°
(B) 1
(C) 180°
(D) 0
- निम्नलिखित में से किसके लिए संधारित्र अनंत प्रतिरोध की तरह कार्य करता है ?
(A) DC
(B) AC
(C) DC तथा AC दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
- L-C परिपथ को कहा जाता है –
(A) दोलनी परिपथ
(B) अनुगामी परिपथ
(C) शैथिल्य परिपथ
(D) इनमें से कोई नहीं
- प्रतिबाधा (Impedance) का S.I. मात्रक होता है –
(A) हेनरी
(B) ओम
(C) टेसला
(D) इनमें से कोई नहीं
- यदि प्रत्यावर्ती धारा एवं वि०वा० बल के बीच कलान्तर Φ हो, तो शक्ति गुणांक का मान होता है –
(A) 1 + tanΦ
(B) cos2Φ
(C) 1 – sinΦ
(D) cosΦ
- एक प्रत्यावर्ती विधुत धारा का समीकरण I = 0.6 sin 100πtसे निरूपित है। विधुत धारा की आवृत्ति है –
(A) 50 π
(B) 50
(C) 100π
(D) 100
- शक्ति गुणक किसके बीच बदलती है ?
(A) 3.5 और 5
(B) 2 और 2.5
(C) 0 और 1
(D) 1 और 2
- प्रत्यावर्ती विभव लगाने पर एक दिष्ट धारा उत्पन्न करने वाले संयंत्र का नाम है –
(A) रेक्टिफायर
(B) ट्रांसफॉर्मर
(C) ऑसिलेटर
(D) फिल्टर
- एक प्रतिरोधक का प्रतिरोध χ = R तथा श्रेणीबद्ध संधारित्र C का प्रतिघातy है। तब संयोजित ए०सी० (A.C.) स्रोत की कोणीय आवृत्ति होगी –
(A) x / y (1/RC)
(B) xyRC
(C) ( 1 / RC ) x / y
(D) y / x / R / C
- श्रेणीबद्ध LCR परिपथ का शक्ति गुणक होता है।
(A) R
(B) Z/R
(C) R/Z
(D) RZ
- एक प्रत्यावर्ती धारा की शिखर वोल्टता 440V है। इसकी आभासी वोल्टता के है –
(A) 220V
(B) 440V
(C) 220√2V
(D) 440√2Va
- यदि प्रत्यावर्ती धारा तथा विधुत वाहक बल के बीच Φ कोण का कलांतर हो. तो शक्ति गुणांक का नाम होता है –
(A) tanΦ
(B) cos2Φ
(C) sinΦ
(D) cosΦ
- यांत्रिक ऊर्जा को वैद्युत ऊर्जा में बदलने के लिए हम प्रयोग करते हैं –
(A) दिष्ट धारा डायनेमो
(B) मोटर
(C) एसी मोटर
(D) ट्रांसफॉर्मर