रामधारी सिंह दिनकर की जीवनी
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जितने बड़े कवि थे उतने ही स्मर्थ गद्यकार भी । दिनकर छायावादोत्तर युग के प्रमुख कवि हैं । कविता लिखने की शुरुआत उन्होंने तीस के दशक में ही कर दी थी किंतु अपनी संवदना और भावबोध से वे चौथे दशक के प्रमुख कवि के रूप में ही पहचाने गए । उनके गद्य में भी उनकी कविता के गुण-ओज, पौरुष, प्रभावपूर्ण वाग्मिता और रूपकधर्मिता आदि उसी सहजता और प्रवाह के साथ मुखरित होते हैं । उनकी कविता और गद्य दोनों में उनके व्यक्तित्व की एक जैसी गहरी छाप है ।
रामधारी सिंह दिनकर का परिचय
- जन्म : 23 सितंबर 1908 |
- निधन : 24 अप्रैल 1974 ।
- जन्म-स्थान : सिमरिया, बेगूसराय, बिहार ।
- माता-पिता : मनरूप देवी एवं रवि सिंह ।
- पत्नी : श्यामवती देवी।
- शिक्षा : प्रारंभिक शिक्षा गाँव और उसके आसपास । 1928 में मोकामा घाट रेलवे हाई स्कूल से मैट्रिक, 1932 में पटना कॉलेज से बी० ए० ऑनर्स (इतिहास)।
- वृत्ति : प्रधानाध्यापक, एच० ई० स्कूल, बरबीघा ; सब-रजिस्ट्रार ; सब-डायरेक्टर, जनसंपर्क विभाग एवं -बिहार विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर । भागलपुर विश्वविद्यालय में उपकुलपति । हिंदी सलाहकार के रूप में भी कार्य ।
रामधारी सिंह दिनकर की रचना
- प्रमुख काव्य कृतियाँ : प्रणभंग (1929), रेणुका (1935), हुंकार (1938), रसवंती (1940), कुरुक्षेत्र (1946), रश्मिरथी (1952), नीलकुसुम (1954), उर्वशी (1961), परशुराम की प्रतीक्षा (1963), कोमलता और कवित्व (1964), हारे को हरिनाम (1970) आदि ।
- प्रमुख गद्य कृतियाँ : मिट्टी की ओर (1946), अर्धनारीश्वर (1952), संस्कृति के चार अध्याय (1956), काव्य की भूमिका (1958), वट पीपल (1961), शुद्ध कविता की खोज (1966), दिनकर की डायरी (1973) आदि ।
रामधारी सिंह दिनकर के बारे में कुछ प्रश्न
1. विजय संदेश के लेखक कौन थे ?
Ans : रामधारी सिंह दिनकर
2. परशुराम की प्रतीक्षा’,के लेखक कौन थे ?
Ans :रामधारी सिंह दिनकर
3. संस्कृति के चार अध्याय के लेखक कौन थे ?
Ans : रामधारी सिंह दिनकर
4. उर्वशी के लेखक कौन थे ?
Ans : रामधारी सिंह दिनकर